मोह की डोरी
हम ही जानते हैं
हम पे क्या गुज़रती है
तेरा नाम लें तो
टीस सी उभरती है
तू नहीं है ज़िक्र तेरा
उम्रभर सताएगा
दर्द मेरा अब जहाँ से
साथ मेरे जाएगा
डोरी रे डोरी डोरी
मोह की ये डोरी
छोड़े ना जाए छोड़ी
मोह की ये डोरी
तू ही आए ख्वाबों में
सुबह तू जगाए
मेरी हर सांस में
तू ही आए जाए
ये जो पुरवाई है
तेरी अंगड़ाई है
तेरी परछाई मैं
जाने तू मेरा क्या है ----2
ये मनमानी है
रास्तों की या ज़िद है
सारे रास्ते क्यों
तेरी ओर जाते हैं
मुस्कुराए सारे रंग
तू जो मुस्कुराता है
तेरे मेरे दरमियान
जो प्यार है वो आधा है
ये जो ..... -2
सांसे धीमी हैं
दर्द हद से ज़्यादा है
बोलो ऐसे क्या
दूर कोई जाता है
दो कदम ना संग चला तू
उम्रभर का वादा था
मैं खफा हुआ मना ले
जैसे तू मनाता था
नैना घबराएँ हैं
मनो पथराएँ हैं
कैसे मुरझाएँ हैं
जाने तू मेरा क्या है ----2