Hitesh Modak - Moh ke Dori lyrics

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Hitesh Modak - Moh ke Dori lyrics

मोह की डोरी हम ही जानते हैं हम पे क्या गुज़रती है तेरा नाम लें तो टीस सी उभरती है तू नहीं है ज़िक्र तेरा उम्रभर सताएगा दर्द मेरा अब जहाँ से साथ मेरे जाएगा डोरी रे डोरी डोरी मोह की ये डोरी छोड़े ना जाए छोड़ी मोह की ये डोरी तू ही आए ख्वाबों में सुबह तू जगाए मेरी हर सांस में तू ही आए जाए ये जो पुरवाई है तेरी अंगड़ाई है तेरी परछाई मैं जाने तू मेरा क्या है ----2 ये मनमानी है रास्तों की या ज़िद है सारे रास्ते क्यों तेरी ओर जाते हैं मुस्कुराए सारे रंग तू जो मुस्कुराता है तेरे मेरे दरमियान जो प्यार है वो आधा है ये जो ..... -2 सांसे धीमी हैं दर्द हद से ज़्यादा है बोलो ऐसे क्या दूर कोई जाता है दो कदम ना संग चला तू उम्रभर का वादा था मैं खफा हुआ मना ले जैसे तू मनाता था नैना घबराएँ हैं मनो पथराएँ हैं कैसे मुरझाएँ हैं जाने तू मेरा क्या है ----2