आईने में देखूं खुदको बोलूं कैसे चल रहा,
तबाही ज़िन्दगी में फिर भी जाने क्यूँ मैं चल रहा,
इन टूटे दिल के टुकड़ो की कदर है, जाने जाना,
आशिक़ी की फीकी फीकी बातें जान बुझ कर रहा,
मैं खाली दिल से मर रहा,
मैं खाली दिल से दिख रहा,
मैं जितना घूट के मर रहा,
वो झूट उसको लग् रहा,
वो दिल भी बातें सह रहा,
वो दिन और रातें थी ना,
वो आसमान काला,
वो रात आखिरी क्या,
सच में सोच रखी यारी सारी दूसरी थी,
प्यार बोलूं उसको पंक्तियों में कूटनीति,
सिलसिले वो आखिरी से पल के टूटते थे,
फिर क्या बात 12 जून बाद ऐसी सच्ची यारी,
ये क्या थी सच्ची यारी, ये क्या थी दुनियादारी,
ये क्या थी जिम्मेवारी, ये क्या थी शादी वादी,
ये क्या था रिश्ता तेरा, ये क्या थी रिश्तेदारी,
ये क्या था प्यार तेरा, तू क्या थी प्यार वाली,
ये जो था प्यार तेरा, वो खाली प्रशनकारी,
ये जो था रोना तेरा, वो पक्का इच्छाधारी,
ये जो थे वादे तेरे, वो वादे हिम् की खाड़ी,
ये जो थी दिल की बातें, वो सारी दिल पे भारी,
मजाक मेरा बना ही दिया तूने खुदसे,
मजाक तूने बना ही दिया मेरा सच में,
हर एक आंसू गिरा ही दिया तूने मुझपे,
छिपा के दिल को मेरे घोट दिया तूने सच में,-2