बातों को तेरी मै सुनता रहा
तुजसे कभी मै न बोल सका
आँखों को देखा मेने पहली बार
होने लगा था प्यार बार बार
पर एक ही तोह हे गुज़ारिश मेरी
की पास रहे तू ही
गुज़ारिश है मेरी
ख्वाहिशों मे तुहि
हर वक़्त में जो मांगू वोह
दूर हे कही
दर्द को जो मैं सेहता रहा
तुजसे कभी मैं ना बोल सका
दिन भर जो मैं था मिलता रहा
पाने की उम्मीदेय गिनता रहा
पर एक ही तोह हे गुज़ारिश मेरी
की पास रहे तू ही
गुज़ारिश है मेरी
ख्वाहिशों मे तुहि
हर वक़्त में जो मांगू वोह
दूर हे कही
गुज़ारिश है मेरी
ख्वाहिशों मे तुहि
हर वक़्त में जो मांगू वोह
दूर हे कही
ख्वाहिश जो हैं अधूरी मेरी
देखती हैं सिर्फ खुशियां तेरी
अलफ़ाज़ जो मैने कहे
अनसुने तूने कही कर दिए
पर एक ही तोह हे गुज़ारिश मेरी
की पास रहे तू ही
गुज़ारिश है मेरी
ख्वाहिशों मे तुहि
हर वक़्त में जो मांगू वोह
दूर हे कही
गुज़ारिश है मेरी
ख्वाहिशों मे तुहि
हर वक़्त में जो मांगू वोह
दूर हे कही