सांसो में जो थी ये नज़दीकियां, बातों में क्यूँ है ये खामोशियाँ, ख्वाबो में फिर क्यूँ तू आता मेरे, दिल की शायद यही है गलतियाँ, यादें बाकी है अपनी खामखा, ख्वाहिशों का था चलता सिलसिला, बातें होती थी मेरी वो दवा, शायद ही मिल सकू में अब वहा, रहनुमा , मेरा रहनुमा आ भी जा,ऐ रहनुमा रहनुमा , मेरा रहनुमा आ भी जा,ऐ रहनुमा सब लगे जैसा है धुन्दला मुझे, शायद कभी याद आऊं तुझे, मंजर ये मेरा है रूठा हुआ, लगता है खंजर ये अब क्यों मुझे, आज भी जब भी आती है तेरी याद, रो पड़ता है ये दिल लगता तू है साथ ।